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Mahamritunjya Path (Chanting)

111,000.00

The great mantra, Mahamritunjay, is devoted to Lord Shiva and begins from the Rig Veda. The meaning of the mantra is to worship the three-eyed God, Shiva, who undergoes all living beings. Thus, any person who is afraid of negative events, loss of fear, should undertake Maha Mrutunjay puja.

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Description

महामृत्युञ्जय जप का माहात्म्य

मृत्युञ्जय महादेव त्राहि मां शरणागतम् ।

जन्म मृत्यु जरा रोगैः पीड़ितम कर्म बन्धनैः ॥

 

अर्थ – मृत्युञ्जय की शरण मे जाने से बार-बार जन्म का भय, मृत्यु (अकाल मृत्यु ) का भय ,

रोग से व्यथित होने का भय तथा कर्म बन्धन का निवारन भी भगवान शङ्कर जी की शरण मे जाने से हो सकता है ।

मंत्र महामणि विषय स्याल के ।

मेटहि कठिन कुम्भक भाल के ॥

ब्रह्म लेख को भी मिटाने की शक्ति भगवान शङ्कर मे है ।

महामृत्युञ्जय जैसा नाम से ही प्रतीत होता है मृत्यु पर जय इसके मुख्य देवता भगवान शङ्कर जी है ,

उन्ही के द्वारा शुक्राचार्य जी को प्राप्त हुआ , जिसे संजीवनी विद्या कहते है ।

मार्कण्डेय जी को भगवान शङ्कर जी ने स्वयं अपनी आयु देकर रक्षा की है ।

इसके प्रणेता- भगवान शङ्कर , वशिष्ठ, शुक्राचार्य, मार्कण्डेय जी आदि है ।

दो से अधिक ग्रहअरिष्ट होने पर , मारकेश आदि की दशा या किसी भी प्रकार अनिष्ट होने की आशंका पर महामृत्युञ्जय का जप कराना चाहिये ।

महामृत्युञ्जय का जप सवा लाख करना चाहिये , इसमे सात ब्राह्मण लगते है ,सात दिन मे इसे पूरा किया जाता है ।

इसमे खर्च लगभग 1,11,000 तक लगता है ।